Random images from my flickr stream...

www.flickr.com

08/01/10

मज़ा ही कुछ और है!!

This is dedicated to one of my favorite poets, Pandit Om Vyas Om. He wrote a poem "Maza hi kuch aur hai" and I wrote what is below!

डिब्बे और बाल्टी से नहाने का
ठिठुरते शरीर पर लिफेबोय साबुन लगाने का
ठंडा पानी लगने पर जोर से जय राम जी की जय राम जी की चिल्लाने का

मज़ा ही कुछ और है|

चलती डी टी सी में भाग कर चड़ने का
छुट्टे ना देने पर कांदुक्टोर से झगड़ने का
खिड़की से आ रही ठंडी हवा पर हथेली आपस में रगड़ने का

मज़ा ही कुछ और है|

धुंध में सामने वाली गाडी के पीछे पीछे चलने का
थोड़ी सी सड़क साफ़ होते ही फटाक से आगे निकलने का
और कोई खुद से आगे निकले तो गाली बकने का

मज़ा ही कुछ और है|

ठेले की बगल में टिक्की खाने का
गोलगप्पे में थोड़ी सौंठ डलवाने का
मिर्चा लगने पर सी सी करके चिल्लाने का

मज़ा ही कुछ और है|

रजाई में दुबके रहने का
मोबाइल फ़ोन पर सबसे छुपा कर धीरे धीरे कुछ कहने का
किसी के प्यार में थोडा सा गम सहने का

मज़ा ही कुछ और है|

देसी घी में खाना बनाने का
तंदूरी परांठे पर सफ़ेद मक्खन लगाने का
पेट भर कर खाने के बाद, बस एक और गुलाब जामुन खाने का

मज़ा ही कुछ और है|

गली के कोने वाली मार्केट में बाल कटवाने का
१० रूपये में शेव करने का
ओल्ड इसपाईस की बोतल में रखा सस्ता आफ्टर शेव लगवाने का

मज़ा ही कुछ और है|

organic की जगह herbal शेम्पू लगाने का
"over the counter " की जगह आयुर्वेदिक दवाई खाने का
बीमार पड़ने पर घर के नुस्खे आजमाने का

मज़ा ही कुछ और है|

12 comments:

  1. Yeh wohi hain na jinke links post liye the kuch samay pehle! Hilarious! :)

    ReplyDelete
  2. And I forgot to ad that your peom is fabulous as well! Mere dimaag mein bhi kuch line aa rahi hain...

    ReplyDelete
  3. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete
  4. Like the new additions to the kavita! :)

    ReplyDelete
  5. Well that wat makes india and home so awesome, some lines from me 2 -

    Sabji waaley se 5 rupe bachane ka and free main dhaniya mirchi ka mazaa kuch kuch aur hi hai.

    Valet main gaadi park karwake, fir 10rs tip de ke boss ban ne ka mazaa kuch aur hi hai..

    Resturant main jaa ke, wo 2-3 baar free ka pyaaz mangaane ka, aakhir main katori main haath dhone ka, mazaa kuch aur hi hai.

    ReplyDelete
  6. @ Jas
    haanji... he is the same person... amazing na!

    @ Bhupesh
    thanks!

    @ Kshitiz
    thanks bro

    @ Joy
    thank you! i think most happiness comes from the everyday mundane things!

    @ Anjuli
    thanks!

    @ Jas
    thanks!

    @ Ankur
    you bet...

    bahut achche bhai :)

    ReplyDelete
  7. Wah..bahut hi badiya..he has touched all small little things from daily life..

    Ankur tumhaari kavita mein kuch panktiyon ko padne ka bhi mazaa kuch aur hai!!

    ReplyDelete
  8. "i think most happiness comes from the everyday mundane things!"

    Totally agree on that one!

    ReplyDelete
  9. Ye tumne likha??? I loveddddddddddddd it.

    ReplyDelete